कंकाल की मांसपेशियों की संरचना, गुण और कार्य/ Structure, Properties And Functions Of Skeletal Muscles In Hindi

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कंकाल मांसपेशियों की संरचना

कंकाल मांसपेशियाँ (Skeletal Muscles) हड्डियों से जुड़ी होती हैं और स्वैच्छिक गतिविधियों को सक्षम बनाती हैं। इन मांसपेशियों की संरचना खास तौर पर शक्ति, लचीलेपन और गति के लिए डिज़ाइन की गई है।

मांसपेशी तंतु (Muscle Fibers):

  • कंकाल मांसपेशियाँ लंबे, बेलनाकार कोशिकाओं से बनी होती हैं जिन्हें मांसपेशी तंतु कहा जाता है। ये तंतु बहुनाभिकीय होते हैं, यानी इनमें कई नाभिक होते हैं, और ये एक झिल्ली से घिरे होते हैं जिसे सारकोलेम्मा कहा जाता है।

मायोफिब्रिल्स (Myofibrils):

  • प्रत्येक मांसपेशी तंतु के भीतर छोटे संरचनाएँ होती हैं जिन्हें मायोफिब्रिल्स कहा जाता है। ये मायोफिब्रिल्स मांसपेशी के संकुचन (Contraction) की इकाइयाँ होती हैं, जिन्हें सार्कोमेर (Sarcomere) कहते हैं।

सार्कोमेर (Sarcomere):

  • सार्कोमेर मांसपेशियों की क्रियात्मक इकाइयाँ होती हैं, जो एक्टिन (पतले तंतु) और मायोसिन (मोटे तंतु) से बनी होती हैं। ये तंतु एक-दूसरे के ऊपर खिसकते हैं, जिससे मांसपेशियों का संकुचन होता है।

संयोजी ऊतक परतें (Connective Tissue Layers):

  • एंडोमाइसियम (Endomysium): यह व्यक्तिगत मांसपेशी तंतुओं को घेरे रहती है।
  • पेरिमाइसियम (Perimysium): यह मांसपेशी तंतुओं के समूहों (जिसे फ़ासिकल्स कहा जाता है) को घेरे रहता है।
  • एपिमाइसियम (Epimysium): यह पूरी मांसपेशी को घेरे रहता है।

टेंडन (Tendons):

  • कंकाल मांसपेशियाँ हड्डियों से टेंडन द्वारा जुड़ी होती हैं, जो मजबूत और रेशेदार संयोजी ऊतक होते हैं।

कंकाल मांसपेशियों के गुण

उत्तेजनीयता (Excitability):

  • कंकाल मांसपेशियाँ उत्तेजना का जवाब दे सकती हैं, जो आमतौर पर तंत्रिका तंत्र से आती है, जिससे मांसपेशी संकुचन शुरू होता है।

संकोचनशीलता (Contractility):

  • मांसपेशी तंतु संकुचन और छोटा होने की क्षमता रखते हैं, जिससे बल और गति उत्पन्न होती है।

विस्तारणशीलता (Extensibility):

  • कंकाल मांसपेशियाँ बिना क्षतिग्रस्त हुए खिंच सकती हैं, जो लचीलेपन और गति की सीमा के लिए आवश्यक है।

लोचशीलता (Elasticity):

  • खिंचने या संकुचन के बाद मांसपेशियाँ अपनी मूल अवस्था और लंबाई में वापस आ सकती हैं, जो मांसपेशियों की कार्यप्रणाली के लिए महत्वपूर्ण है।

अनुकूलनशीलता (Adaptability):

  • कंकाल मांसपेशियाँ विभिन्न प्रकार के शारीरिक प्रशिक्षण के अनुसार अनुकूल हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, प्रतिरोध प्रशिक्षण से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, जबकि एरोबिक व्यायाम से सहनशक्ति विकसित होती है।

कंकाल मांसपेशियों के कार्य

गति (Movement):

  • कंकाल मांसपेशियों का प्रमुख कार्य स्वैच्छिक गतिविधियों जैसे चलना, दौड़ना और वस्तुओं को उठाना है। मांसपेशियों के संकुचन से हड्डियाँ खिंचती हैं, जिससे शरीर की गति होती है।

स्थिति और स्थिरता (Posture and Stability):

  • कंकाल मांसपेशियाँ जोड़ों को स्थिर करती हैं और शरीर को गुरुत्वाकर्षण के खिलाफ सीधा रखने में मदद करती हैं।

ऊष्मा उत्पादन (Heat Production):

  • मांसपेशियों के संकुचन से ऊष्मा उत्पन्न होती है, जो शरीर के तापमान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उदाहरण के लिए, ठंड में शरीर को गर्म रखने के लिए कंपकंपी मांसपेशियों की प्रतिक्रिया होती है।

समर्थन और सुरक्षा (Support and Protection):

  • मांसपेशियाँ नरम ऊतकों को सहारा देती हैं और महत्वपूर्ण अंगों की रक्षा करती हैं। उदाहरण के लिए, पेट की मांसपेशियाँ पेट के अंदरूनी अंगों की रक्षा करती हैं।

रक्त संचार में सहायता (Circulation Assistance):

  • यद्यपि हृदय प्रमुख भूमिका निभाता है, कंकाल मांसपेशियाँ शारीरिक गतिविधि के दौरान रक्त को नसों में धकेलने में मदद करती हैं, जब वे संकुचित होती हैं।

श्वसन में मदद (Respiration):

  • कुछ कंकाल मांसपेशियाँ, जैसे डायफ्राम और इंटरकोस्टल मांसपेशियाँ, श्वसन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये मांसपेशियाँ छाती की गुहा को फैलाती और संकुचित करती हैं, जिससे सांस लेने की प्रक्रिया होती है।

संक्षेप में, कंकाल मांसपेशियाँ एक जटिल संरचना से युक्त होती हैं, जो सटीक और नियंत्रित गति की अनुमति देती हैं। इनमें संकोचनशीलता, लोचशीलता जैसे गुण होते हैं, और ये गति, स्थिति, ऊष्मा उत्पादन, और श्वसन जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करती हैं।

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