बायोमैकेनिक्स में गति और स्थिरता को समझने के लिए अक्ष और समतल (Axes and Planes), गुरुत्व केंद्र (Centre of Gravity), संतुलन (Equilibrium) और गुरुत्व रेखा (Line of Gravity) जैसी प्रमुख अवधारणाएँ आवश्यक होती हैं। ये अवधारणाएँ मानव गति का विश्लेषण करने, खेल प्रदर्शन सुधारने और चोटों से बचाव करने में मदद करती हैं।
1. अक्ष (Axes) और समतल (Planes)
A. गति के अक्ष (Axes of Motion)
अक्ष एक काल्पनिक रेखा होती है जिसके चारों ओर शरीर या उसका कोई भाग घूमता है। तीन मुख्य अक्ष होते हैं:
- फ्रंटल अक्ष (Frontal Axis / Coronal Axis)
- यह शरीर के दाएँ से बाएँ (Side to Side) चलता है।
- इस अक्ष पर होने वाली गतियाँ: फ्लेक्शन (Flexion) और एक्सटेंशन (Extension) (जैसे- सिट-अप में आगे झुकना)।
- सैजिट्टल अक्ष (Sagittal Axis / Anteroposterior Axis)
- यह शरीर के आगे से पीछे (Front to Back) की ओर जाता है।
- इस अक्ष पर होने वाली गतियाँ: एब्डक्शन (Abduction) और एडडक्शन (Adduction) (जैसे- साइड लेग उठाना)।
- लंबवत अक्ष (Vertical Axis / Longitudinal Axis)
- यह शरीर के ऊपर से नीचे (Head to Toe) की ओर चलता है।
- इस अक्ष पर होने वाली गतियाँ: घूर्णन (Rotation) (जैसे बैले डांस में घूमना)।
B. गति के समतल (Planes of Motion)
समतल एक काल्पनिक सतह होती है जो शरीर को विभाजित करती है और जिसके समानांतर गति होती है।
- सैजिट्टल समतल (Sagittal Plane)
- शरीर को दाएँ और बाएँ दो भागों में विभाजित करता है।
- गतियाँ: फ्लेक्शन (Flexion) और एक्सटेंशन (Extension) (जैसे- बाइसेप कर्ल, आगे झुकना)।
- फ्रंटल समतल (Frontal Plane)
- शरीर को सामने और पीछे दो भागों में विभाजित करता है।
- गतियाँ: एब्डक्शन (Abduction) और एडडक्शन (Adduction) (जैसे- जम्पिंग जैक, साइड रेज)।
- ट्रांसवर्स समतल (Transverse Plane)
- शरीर को ऊपरी और निचले दो भागों में विभाजित करता है।
- गतियाँ: घूर्णन (Rotation) (जैसे- कमर मरोड़ना, सिर घुमाना)।
2. गुरुत्व केंद्र (Centre of Gravity – COG)
परिभाषा:
गुरुत्व केंद्र वह बिंदु होता है जहां शरीर का पूरा भार समान रूप से वितरित होता है और शरीर सभी दिशाओं में संतुलित रहता है।
मुख्य बिंदु:
- यह एक काल्पनिक बिंदु है जहां शरीर का द्रव्यमान केंद्रित होता है।
- खड़े हुए व्यक्ति में COG नाभि के पास, सेकंड सैक्रल कशेरुका (S2) के सामने होता है।
- जब व्यक्ति झुकता है, दौड़ता है या भार उठाता है, तो COG बदल जाता है।
- निचला COG अधिक स्थिरता प्रदान करता है, जबकि ऊँचा COG अस्थिरता बढ़ाता है (उदाहरण: कुश्ती खिलाड़ी अपनी स्थिरता बनाए रखने के लिए झुककर खेलते हैं)।
3. संतुलन (Equilibrium)
परिभाषा:
संतुलन वह स्थिति है जब शरीर पर कार्य करने वाले सभी बाहरी बल बराबर होते हैं, जिससे शरीर या तो स्थिर रहता है या नियंत्रित गति में रहता है।
संतुलन के प्रकार:
- स्थिर संतुलन (Static Equilibrium) – जब शरीर पूरी तरह स्थिर होता है (जैसे- जिम्नास्ट का हैंडस्टैंड)।
- गतिशील संतुलन (Dynamic Equilibrium) – जब शरीर गति में होते हुए भी संतुलन बनाए रखता है (जैसे- साइकिल सवार संतुलन बनाए रखते हुए आगे बढ़ता है)।
संतुलन को प्रभावित करने वाले कारक:
- आधार क्षेत्र (Base of Support – BOS): चौड़ा आधार अधिक स्थिरता प्रदान करता है।
- गुरुत्व केंद्र की ऊँचाई: निम्न COG बेहतर संतुलन देता है।
- शरीर का भार: अधिक भार अधिक स्थिरता प्रदान करता है।
- गुरुत्व रेखा की स्थिति: यदि गुरुत्व रेखा आधार क्षेत्र के भीतर होती है, तो संतुलन बना रहता है।
4. गुरुत्व रेखा (Line of Gravity – LOG)
परिभाषा:
गुरुत्व रेखा एक काल्पनिक ऊर्ध्वाधर रेखा होती है जो गुरुत्व केंद्र (COG) से गुजरते हुए सीधे पृथ्वी की ओर जाती है।
मुख्य बिंदु:
- यह स्थिरता को निर्धारित करती है – जब LOG आधार क्षेत्र (BOS) के भीतर होती है, तो संतुलन बना रहता है।
- यदि LOG आधार क्षेत्र के बाहर चली जाती है, तो शरीर अस्थिर हो जाता है और गिर सकता है।
- खिलाड़ी अपने LOG का रणनीतिक रूप से उपयोग करते हैं, जैसे कि दौड़ शुरू करने के लिए धावक आगे झुकता है ताकि वह तेजी से गति पकड़ सके।
निष्कर्ष (Conclusion)
बायोमैकेनिक्स की ये मूलभूत अवधारणाएँ शारीरिक गतिविधियों, खेल प्रदर्शन और चोटों की रोकथाम को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं। अक्ष और समतल, गुरुत्व केंद्र, संतुलन और गुरुत्व रेखा के सिद्धांतों का उपयोग कर एथलीट और प्रशिक्षक स्थिरता, दक्षता और गति नियंत्रण में सुधार कर सकते हैं।